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Thriller काफिर मर्द से चुदकर सुरु हुयी अम्मी की चुदाई का सफर
#1
मेरा नाम है फारुख अंसारी मै एक सरीफ घर का लड़का हु और 

सबसे पहले मे अपना ओर अपने परिवार का परिचय करवाता हू आप सबको ये कहानी मेरे परिवार की ओर मेरी है


मेरे परिवार मै हम अब मेरी बेगम दो बच्चो ओर अम्मी अब्बू सहित 6 सदस्य है मेरी 1 बहन भी है जो शादीशुदा है


कहानी की नायिका मेरी चुदासी अम्मी है जिसने अबतक सैकडो तरह तरह के लंड खाए है ओर भी वो चुदने के लिए बेताब रहती है अम्मी की पहली चुदाई से मै ये कहानी शुरू कर रहा हू जिसमे मेरी अम्मी अपने ससुर बेटे के अलावा जितने लंड खाए है उनकी दास्तान सुनने को मिलेगी






मेरे  पूरे स्कूली दोस्त ओर फैमली ड्राइवर मुकेश के साथ मेरी अम्मी ने चुदाई के समय मुझे बताई है ये कहानी मेरी अम्मी की है जिनकी उम्र आज 57 साल है ओर उनके शरीर का साइज 40 के बूब्स ओर उनकी गांड 95 की भरी हुई है उनकी लबाई 5.6 है रंग बिलकुल गोरा है आज भी अम्मी सेक्स मै लाजवाब है






मेरी अम्मी अपने परिवार मे भाई बहनो मे सबसे बडी थी मेरे नानाजी एक ट्रको का बिजनेस था अक्सर वो बाहर रहते थे नानाजी खेती का काम करती थी ओर मेरी मम्मी जो अपने भाई बहनो का काम ओर घर के कामकाज के लिए घर पर रहती थी घर पर ट्रको के ड्राइवर आते जाते रहते थे उनमे से एक कौशल पंडित साहब मेने उन्हे देखा नही मगर जब भी पंडित साहब की बात आती है तो अम्मी की आंखो मे आज भी चमक आ जाती है अम्मी जब 19 साल की थी तब अम्मी की पहली चुदाई पंडित साहब ने की उस दिन सुबह से आंधी चल रही थी ओर पंडित साहब को नानीजी ने वही रूकने को ओर नानाजी बाहर थे गांव मै खाना समय से हो जाता है




तो अम्मी ने अपने सभी भाई बहन को सुलाकर नानीजी को दूध दे दिया ओर नानीजी ने उन्हे पंडित साहब के कमरे मै दूध देने भेज दिया अम्मी दूध लेकर कमरे मै गयी ओर उनको दूध लेकर कमरे मे गयी ओर मोमबत्ती के उजाले मै दूध दिया तो पंडित साहब ने पूछा बच्चे कहा है तो अम्मी ने कहा बच्चे सो गये है तो कहने लगे आज कहानी नही सुननी तो अम्मी ने कहा अम्मी से पूछकर आती हू ओर नानीजी ने कहा सुनकर कमरे मे आकर सो जाना मे सो रही सुबह जल्दी उठकर खेत जाना है तुम सुबह रोटी बनाकर खेत मै आ जाना मेरी रोटी लेकर फिर अम्मी पंडित साहब के पास जाकर कहानी सुनने लगती है तो पंडित साहब ने अम्मी को कहा आ जाओ मेरी चारपाई पर आकर सुन लो ओर मोमबत्ती को बुझा दो 


अम्मी पंडित साहब के पास जाकर लेट गयी कहानी सुनने पंडित साहब की उम्र 35 साल की थी ओर अम्मी 19 की जवान गांव की लडकीयो का शरीर शहर की लडकीयो की तुलना मे ज्यादा मजबूत ओर विकसित होता है पंडित साहब कहानी सुनाते सुनाते अम्मी के बोब्स दबाते हुए मजाक करने लगे ओर मेरी अम्मी ने कहा ये क्या कर रहै तो चाचाजी तो कहा देख रहा तेरी चाची से बडे है या छोटे तो अम्मी ने पूछा बताओ बडे है या छोटे तो कहा खोलने पर ही पता लगेगा दबाने से पता नही लगा लग तो छोटे छोटे ही रहै है तो अम्मी ने कहा सुबह देख लेना अब मै जा रही हू सोने तो पंडित साहब ने कहा यही सो जाओ तो अम्मी वही सो गयी सोने के बाद जब पंडित साहब ने बूब्स दबाए तो अम्मी गर्म हो गयी ओर पहली बार अम्मी का कामरस उनकी कुवारी चुत से बाहर निकला




तो अम्मी ने कहा चाचा छोडो मुझे सुसु निकल गयी है तब चाचा ने कहा वो सुसु नही दूध है तेरा तो अम्मी ने दूध तो बोबो से निकलता है मुझे सब पता है नीचे से तो मुत ही आता है तो चाचा ने कहा कल दिन मै तेरा दूध नीचे से निकालकर दिखाऊगा फिर दोनो जने सो गये ओर पंडित साहब सुबह उठकर नहाकर अम्मी का इंतजार करने लगे अम्मी ने सभी भाई बहनो को तैयार करके स्कुल भेजा ओर खुद नहाकर रोटी लेकर खेत चली गयी रोटी देते ही वो खेत से लौटकर घर पहुची तो पंडित साहब ने पकड लिया बोले दूध निकालू क्या नीचे से तो अम्मी ने कहा चाचाजी मजाक मत करो ऐसा नही होता
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#2
तो पंडित साहब ने कहा ऐसा तभी होगा मै जैसे कहूगा वेसै वेसै करोगी तो वर्ना नही होगा ओर ये कीसी को बताना भी मत अब बोलो दूध निकालकर दिखाऊ के नही अम्मी पंडित साहब की बातो से फिर से गर्म हो चुकी थी तो उन्होने भी हा कर दी उस समय अम्मी के बोबो को साइज 34 था ओर कद 5.6 इच हो चुका था गांड भी पूरी भरी हुई थी जैसे ही मेरी अम्मी ने पंडित साहब को हा भरी वैसे ही पंडित साहब ने मेरी अम्मी को पकडकर अपने गोद मै बिठा लिया ओर उनके बुब्स दबाने लगे बोबो को दबाते ही अम्मी गर्म होने लगी फिर पंडित साहब ने धीरे से मम्मी का कुर्ता उतार दिया ओर उनके जिस्म पर चुम्मो की बोछार कर दी!

पंडित साहब ने बोबो को उतनी जोर से दबाया की अम्मी की चीख निकल गयी ओर अम्मी ने कहा मुझे नही निकलवाना दूध अम्मी के मना करते ही पंडित साहब ने कहा तेरे से तो तेरी चाची अच्छी ओर मजबूत है ये सुनकर अम्मी ने कहा मेरे से ज्यादा नही होगी तो पंडित साहब ने अम्मी के दोनो बोबो को ओर जोर से दबाया तो अम्मी सारा दर्द चुपचाप सह गयी फिर अम्मी की ब्रा खोलकर उसने बोबो को जोर जोर से चुसना शुरू कर दिया जिससे अम्मी की आहै निकलने लगी ओर शरीर अकडने लग गया तो पंडित साहब ने जल्दी से अम्मी की सलवार खोलकर उन्हे नंगा कर दिया अम्मी की चुत पर झाटो का बाग देखकर कहा मेरा तो सारा मूड ही खराब कर दिया अम्मी ने पूछा क्या हुआ तो कहा ये क्या है दूध तो इन बालो मै ही रह जाएगा तो अम्मी ने कहा मै दिन मै साफ कर लूंगी ओर रात को ही दूध निकालना आप!

तो पंडित साहब ने रात को लाईट ना रही तो तुम्हे दूध दिखेगा केसै तो अम्मी ने कहा रात को लाईट तभी जाती है जब बारिश आंधी आती है मै अम्मी से कहानी का बहाना सुनकर आ जाऊगी ओर बाल भी साफ करके आऊगी फिर आप दूध निकालना अम्मी को तब तक नही पता था की उसकी चुत फटने वाली है ओर ये सभी ड्राइवर मिलकर उसकी चुत का भोसडा बनाने वाले है ओर फिर पंडित साहब दिन मै बाजार चले गये ओर चुदाई से अनजान मेरी अम्मी अपनी झांटो की सफाई कर के चुदने की तैयारी करने लगी शाम को अम्मी ने आज जल्दी खाना बना लिया ओर सभी भाई बहन को डराकर सुलाने के बाद नानीजी को खाना खिलाकर पंडित साहब को चुरमा बनाकर खिलाया !
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#3
फिर रात होते ही नानीजी को दूध देकर कहानी सुनने का बहाना बनाकर पंडित साहब के पास पहुंच गयी ओर बिना बुलाए ही पंडित साहब की चारपाई पर लेट गयी ओर कहने लगी सुबह की तरह बोबो को जोर से मत दबाना अभी भी दर्द हो रहा है मगर मन ही मन अम्मी बहुत खुश थी क्योकी जवानी मै ये सब होता ही है मगर ये खुशी थोडी देर की ही थी क्योकी उनकी खुशी अब दर्द मै बदलने वाली थी ओर इधर पंडित साहब ने अम्मी की मोटी मोटी गांड को सहलाने लगे जिससे अम्मी फिर से गर्म होने लगी थी पंडित साहब शादीशुदा ओर जवान थे साथ मै अनुभव भी था काफी फिर उन्होने अम्मी के बोबो को दबाना शुरू कर दिया जिससे अम्मी की आहे निकलने लगी ओर वो मचलने लग गयी पंडित साहब मेरी मम्मी के गालो को चुमै जा रहै थे !

जोर से जोर से फिर पंडित साहब अचानक खडे होकर बाहर चले गये पेशाब करने फिर आकर अम्मी को कहा बच्चो के कमरे के आगे चिटकनी लगाकर बंद कर आ ओर देखकर आओ सेठानी (मेरी नानीजी) जी सो गयी ना ओर साथ मै घी लेकर आना थोडा अम्मी जल्दी से उठकर दस मिनट मै चक्कर लगाकर सभी काम करके आ गयी ओर आते ही कमरे को बंद करके लाइट बंद करके चुपचाप चारपाई पर सो गयी तो पंडित साहब ने उठकर लाईट जला दी तो अम्मी ने कहा लाईट बंद कर दो मुझे शर्म आ रही है ये सुनकर पंडित साहब ने कहा शर्म करोगी तो दूध नही निकलेगा ओर अगर दर्द होगा तो चुप रहोगी तभी दूध निकलेगा अम्मी इतनी गर्म हो रही थी वो सबकुछ करने को तैयार थी!

फिर तभी पंडित साहब ने लाईट जलाकर अम्मी को चारपाई से खडा करके उनको चुमने लग गये गालो को चुमते चुमते उन्होने अम्मी के होथो पर किस कीया तो अम्मी पिछे हो गयी मगर पंडित साहब ने कमर मै हाथ डाल रखा ओर अम्मी को अपनी तरफ खिंचकर उनके लबो पर अपने लब रखकर जोर से चुमने लगे अब मेरी अम्मी को भी मजा लाने लगा वो भी पंडित साहब के लब को जोर से चुसने लगी ओर उधर पंडित साहब ने अम्मी के बोबो को दबाना शुरू कर दिया ओर अम्मी की आहै निकलने लगी पांच मिनट किस करने के बाद अम्मी का सुट खोलकर उन्हे आधा नंगा कर दिया ओर ब्रा खोलकर वो जोर से बोबो को दबाने लगे जिससे अम्मी पूरी तरह गर्म हो गयी पंडित साहब जब अम्मी को किस कर रहै थे!
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#4
तो उनकी दाढी से अम्मी को एक ही उत्तेजना हो रही थी फिर पंडित घुटने के बल बैठकर अम्मी के पेट को चुमते हुए नाभी को चाटने लगे जिससे अम्मी गर्म होकर पंडित साहब के सिर के बाल पकड कर खिचने लगी उनकी गर्मी देखकर पंडित साहब ने जल्दी से सलवार का नाडा एक झटके मे खोलकर अम्मी को नंगा कर दिया अचानक नंगी होने पर अम्मी ने शर्म के मारे अपने हाथो से अपने मुह को छुपा लिया मगर आज अम्मी ने अपनी चुत को साफकर के काले रंग की चड्डी डाली थी जिसे पंडित साहब ने सुघते हुए नीचे कर दिया अब अम्मी बिलकुल नंगी थी पंडित साहब धीरे धीरे अपनी मालिक की बेटी की चुत की सील खोलने की तरफ बढ रहै थे!

पंडित साहब ने पास मै रखी घी की कटोरी मै अपनी दो उंगली डालकर एक उंगली अम्मी की चुत मै डाल दी जिससे अम्मी ने अपने मुह से हाथ उठाकर पंडित साहब के सिर पर रखकर उनके बाल खीच लिये जोर से अम्मी अचानक हुए इस हमले से थोडा हडबडा गयी थी मगर पंडित साहब मझे हुए खिलाडी थे उन्होने तुरत एक हाथ अम्मी के बोबो पर रखकर उनके बोबो को दबाना शुरू कर दिया था जिससे अम्मी की उत्तेजना बढने लगे दो मिनट बाद जब एक उंगली आराम से चुत मे अंदर बाहर होने लगी तो उन्होने दूसरी उंगली डाल दी जिससे अम्मी ने अपने होटो को अपने दात से काटकर अपना दर्द छिपा लिया दो मिनट उंगली करने पर अम्मी की गर्मी शरीर से बाहर निकलने वाली हो गयी थी ओर फिर अम्मी का जिस्म अकडने लगा अम्मी को पसीने आने लगे ओर जब कामरस आने को हुआ तो अम्मी कहने चाचा मुझे मेरा मुत निकल रहा है क्या करू मै तो पंडित साहब ने ये मुत नही ये दूध आ रहा है!

अभी दिखाता हू आने दे फिर अम्मी ने पंडित साहब के बाल जोर से पकड लिये उधर पंडित साहब ने अपनी उंगली की स्पीड बढा ली ओर अम्मी के कामरस से पंडित साहब का हाथ भर गया ओर अम्मी की जांघो पर फैल गया पंडित साहब कामरस की खुशबु लेते हुए उसे चाटने लगे जिसे देखकर अम्मी ने कहा चाचाजी ये गंदी है​ तो पंडित साहब ने कहा ये जन्नत है मेरी रानी अम्मी का कामरस निकलते ही अम्मी थककर चारपाई पर बैठ गयी थी पंडित साहब फिर अम्मी के पास बैठकर अपना पानी कुर्ता उतारकर सामने वाली चारपाई पर फैककर लेट गये ओर अम्मी को पकडकर अपने पास सुला लिया!

उन्होने अम्मी के सिर को अपने बाजु पर रखकर आमने सामने मुह कर लिया ओर गालो पर किस करके पूछने लगे मजा आया क्या दूध निकलने पर तो अम्मी ने कहा बहुत मजा आया तो पंडित साहब ने ये तो शुरुआत है इससे ज्यादा मजा भी आता है चुदाई मै तो अम्मी कहने लगी चुदाई मै बहुत दर्द होता है मैने सुना है तो पंडित साहब ने जब उंगली की तब कितना दर्द हुआ था उतना ही चुदाई मै होगा पंडित साहब बाते करते करते गांड सहला रहै थे ओर उससे अम्मी फिर से गर्म हो रही थी अम्मी उनकी सीने से मुह छिपाकर लिपटी हुई थी पंडित साहब ने अब धीरे से अपने धोती का नाडा खोलकर बिना आवाज कीये नीचे कर दिया ओर चुपचाप मम्मी के हाथ को पकडकर अपने लंड पर रखकर दिया!
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#5
जिसे छुते ही अम्मी को करट सा लगा ओर अपना हाथ वापिस खीच लिया कुछ देर बाद पंडित साहब ने फिर से अम्मी के हाथ को पकडकर अपने कच्छे मै डाल दिया अम्मी ने हाथ को बंद करके मुठी बना ली मगर हाथ बाहर नही निकाला पंडित साहब ने अम्मी के होठो को किस करते हुए बोबो को दबाने लगे थोडी देर मै अम्मी गर्म होने लगी ओर उन्होने अपनी मुठ्ठी खोलते हुए लंड को अपने हाथ से सहलाकर देखा तो अम्मी फिर से उत्तेजित होने लगी कुछ देर चुमने के बाद पंडित साहब ने अपना कच्छा खोलकर अम्मी के मुह के पास रख दिया ओर सुघने को कहा अम्मी ने कच्छे को सुघकर मुह घुमा लिया !

इधर पंडित साहब चारपाई पर बैठ गये ओर फिर से दो उंगली घी मै डालकर एक साथ ही दोनो उंगलिया अम्मी की चुत मै पैल दी अम्मी ने एक आह के साथ दोनो उंगलिया अपनी चुत मै ले ली ओर आहै भरने लगी दो मिनट बाद पंडित साहब ने अम्मी को अपनी टांगे ऊंची करके फैलाने को कहा जिसके बाद अम्मी की गांड के नीचे एक तकिया लगाकर अपने लंड पर घी की मालिश करने लगे उनका लंड 6 इच लंबा ओर अढाई इच मोटा था वो उपर आकर लंड को अम्मी की चुत पर घीसने लगे जिससे अम्मी ओर गर्म हो गयी ओर कहने चाचाजी ये क्या हो रहा है मै मर जाऊगी कुछ करो जल्दी ये सुनते ही पंडित साहब ने लंड चुत पर सेट कर दिया ओ अम्मी के होठो को किस करने के साथ गले मै दोनो हाथ डालकर लंड पर दबाव दिया!

जिससे लंड का टोपा अम्मी की चुत मै घुस गया ओर अम्मी की हल्की सी चीख निकल गयी मगर वो चीख बाहर नही निकली इसके बाद पंडित साहब ने दूसरे झटके मै तीन इच से ज्यादा लंड अम्मी की चुत मै घुसैड दिया ओर अम्मी की जोर से चीख निकल गयी मगर इस बार भी चीख बाहर नही निकली मगर अब अम्मी छूटने की कोशिश करने लगी ओर रोने लगी मगर इसका कोई फायदा नही हुआ ओर पंडित साहब ने उसी समय तीसरा झटका देते हुए अम्मी की चुत को फाड़कर अपना पूरा लंड अम्मी की नाजुक चुत मै घुसा दिया अम्मी की चुत फट गयी ओर चुत से निकले खून से चारपाई पर बिछी चद्दर लाल हो गयी थी पंडित साहब होटो को जोर से चुसते रहै ओर अब उन्होने बोबो को भी जोर से दबाना चालु कर दिया था पांच मिनट के बाद जब अम्मी ने रोना बंद कीया तो पंडित साहब ने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया ओर थोडी देर बाद जब अम्मी का दर्द खत्म हुआ !

तो पंडित साहब ने जोर जोर से झटके मारने चालु कर दिये ओर फिर अम्मी भी गर्म होकर चुत मै लंड लेने लगी दस मिनट की चुदाई के बाद अम्मी का शरीर अकडने लगा उनका कामरस निकलकर पंडित साहब के लंड को गिला कर रहा था उससे लंड पूरा गिला होकर अम्मी की चुत मै जा रहा ओर उसके एक मिनट बाद पंडित साहब के लंड का लावा फुट गया ओर उनके वीर्य से मेरी अम्मी की चुत भर गयी पंडित साहब के लंड का वीर्य चिचोडकर जब अम्मी की चुत ने छोडा तो पंडित साहब अम्मी के बगल मै लैट गये ओर अम्मी की चुत से कई देर तक वीर्य बहता रहा बाहर इस तरह अम्मी ने जवानी मै निगाह से पहले ही चुदकर अम्मी अब चुदाई के हसीन सफर की शुरुआत हो चुकी थी फिर अम्मी ने कपडे पहने ओर चद्दर को बाहर पानी की बाल्टी मै भिगोकर अपनी चुत को धोकर पेशाब कर के वापिस अपने पहले प्यार ओर यार पंडित साहब के पास आकर चारपाई पर उसे किस कर के उसके साथ सो गयी सुबह जब अम्मी उठी तो उनकी चुत पर सोजन आ गयी थी ओर पूरे दिन दर्द मे वो घर का काम करते रही आज रात को वो पंडित साहब के कमरे मै नही गयी

आगर आपको पसंद आया होगा तो पार्ट २ भी लायूंगा
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#6
Mast kahani hai
कायर पति
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#7
Update
कायर पति
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#8
Good story continue
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